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Document चूत और लण्ड का एक ही रिश्ता- 6 अगले दिन की करीब 7.30 बजे नींद खुली तो मैं हाथ मुंह धोकर और कपड़े बदल कर नीचे आई तो देखा कि मम्मी-पापा और नानी चाय पी रहे थे। मम्मी और नानी साथ बैठे थे जबकि पापा सोफ़े पर बैठ कर पेपर भी पढ़ रहे थे। उन्होंने मुझे नहीं देखा मगर मम्मी ने देखा तो बोली- चाय बनी हुई है, जाकर ले लो। पापा बिना मेरी या देखे पेपर पढ़ते रहे।मगर आज मैंने महसूस किया कि मुझे आज पापा से के सामने जाने में कोई झिझक नहीं हो रही थी। बल्कि चाय लेकर बिना हिचकिचाए मैं भी सोफे पर ही जाकर पापा के पास बैठ गई और चाय पीने लगी। कुछ देर तो पापा और मैं एक-दूसरे से कुछ नहीं बोले. मगर थोड़ी देर बाद पापा ने खुद ही बात शुरू की और बोले- आज भी कॉलेज नहीं जाना है क्या बेटा? मैंने कहा- नहीं पापा, ज्योति बाहर गई है और मैं कॉलेज में अकेली बोर हो जाती हूं। अभी पापा बोले- कोई बात नहीं, घर पर ही पढ़ लिया करो! मुझे लगा कि पापा भी अब एकदम नॉर्मल होने की कोशिश